1.5.11

फकीर अन्‍ना हजारे की टीम के करोड़पति


फकीर अन्‍ना हजारे की टीम के करोड़पति


अन्ना हजारे ने  जनलोकपाल बिल की ड्राफ़्टिंग समिति के लिये अपने अलावा चार अन्य लोगों के नाम सुझाये थे। ये नाम हैं जज संतोष हेगडे, पिता-पुत्र शांति भूषण एवं प्रशांत भूषण तथा अरविंद केजरीवाल। ये चारो व्यक्ति ड्राफ़्ट कमेटी के सदस्य हैं। उन चारो सदस्यों की संपति के जो आकडे़ प्रकाशित हुये हैं उसके अनुसार सबसे ज्यादा संपत्ति के मालिक हैं शांति भूषण, ये केन्द्र में मंत्री भी रह चुके हैं। इनकी संपत्ति में शामिल है नोएडा में चार मकान/फ़्लैट,  इलाहाबाद के एक घर में एक चौथाई हिस्सा, बंगलोर में एक फ़्लैट तथा रूड़की में खेती योग्य भूमि,  इसके अलावा बांडस, मुचुअल फ़ड तथा ज्वेलरी की लागत आंकी गई है   2, 09, 72, 80, 000  यानी शांति भूषण जी अरबपति हैं। फ़िर एक बार याद दिला देता हूं कि शांतिभूषण जी केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं।
दूसरी पायदान पर हैं शांतिभूषण जी के पुत्र प्रशांत भूषण,  इनकी अचल संपति में शामिल है दिल्ली में फ़्लैट, जंगपुरा में मकान, हिमाचल प्रदेश के कंदबारी में जमीन तथा मकान, इलाहाबाद के घर में एक चौथाई हिस्सा तथा चल संपत्ति 2, 22, 50, 000  (दो करोड़, बाइस लाख, पचास हजार)। तीसरी पायदान पर हैं जज संतोष हेगडे़, इनकी तथा इनकी पत्नी शारदा हेगडे़ के बैंक खाते में जमा हैं तीस लाख से ज्यादा की राशि,  इनका एक फ़्लैट बंगलोर के रिचमंड टाउन में है,  जिसकी कीमत है डेढ़ करोड़ रुपए। यानी तकरीबन दो करोड़ की संपत्ति के मालिक ये भी हैं। वैसे अगर इनकी संपति का आंकड़ा सही है तो संतोष हेगडे़ इमानदार दिखते हैं. एक उच्चतम न्यायालय का जज जब बेइमान हो जायेगा तो उसकी संपत्ति अरबों में होगी।
चौथी पायदान पर हैं केजरीवाल,  इनके पास आईआरएस ग्रुप हाउसिंग सोसायटी इन्द्रापुरम में एक प्लाट है जिसकी कीमत 55 लाख रुपये है। इसके अलावा 28 हजार का बैंक बैलेंस, अगर ये आंकडे़ सही हैं तो अरविंद केजरीवाल भी ईमानदार दिखते हैं, हां यह अलग बात है कि नौकरी छोड़ने के पहले प्लाट का जुगाड़ आईआरएस सोसायटी में बैठा लिया था। सबसे अंतिम पायदान पर खुद अन्ना हैं वाकई एक फ़कीर,  अपनी ढाई एकड़ जमीन में से मात्र 7 डिसमिल छोडकर, जो उनके परिवार वालों का है,  बाकी जमीन गांव के उपयोग के लिये दे चुके हैं, बैंक बैलेंस है 67 हजार रुपये और नगद राशि डेढ़ हजार। अन्ना की टीम के दो सदस्यों यानी पिता-पुत्र की संपति चौंकानेवाली है। खैर जो है सो है। मेरी सलाह है दोनों पिता-पुत्र को,  कि पहले जरूरत भर रखकर के बाकी संपति को दान करके आएं तब भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ाई की बात करें।

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

Thts nice blog, i like it the way u has written...
i m following u both networkedblog and google friend, pls read my blog too and if u like, do the same...
www.drkenit.blogspot.com
http://apps.facebook.com/blognetworks/blog/keshav_katha/

क्या इन टोटको से भर्ष्टाचार खत्म हो सकता है ? आप देखिए कि अन्ना कैसे-कैसे बयान दे रहे हैं? शरद पवार भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार पर बनी जीओएम (मंत्रिसमूह) में फला-फलां और फलां मंत्री हैं। इसलिए इस समिति का कोई भविष्य नहीं है। पवार को तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए। पवार का बचाव करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर पवार के मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने से भ्रष्टाचार