मेरे प्यारे दोस्तों और ब्लोगेर वासियों आज कल अपने अन्ना हजारे के बारे में सोचना बंद कर दिया है जेसे मीडया ने बंद कर दिया है
इसका कारण है पैसा,उनके नाम पर जितना मीडिया कमा सकता था कमा लिया,अब वो आउट ऑफ़ डेट हो गए है,उनसे कमाई नहीं हो सकती,इसी लिए वो हाशिये पर धकेल दिए गए है!
मीडिया को रोज़ नए नायक की जरुरत होती है भले ही वो दिग्गी जैसे लोग हो या ओसामा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता!
फर्क सिर्फ कम होती टी.आर.पी से पड़ता है!
रोज़ पाकिस्तान हमे ललकारता है,सीमा पर गोली बारी करता है,लेकिन हम चुप रहते है पता है क्यों?
भारतीय राजनीती के शिखर पर ठंडा गोश्त(मनमोहन सिंह) काबिज है जिसमे गर्मी आने की गुंजाईश ना के बराबर है!
साथियों इस गन्दी राजनीती में गरम खून(युवा) जब तक झाड़ू लेकर नहीं उतरेगा तब तक इन देशद्रोही मकड़ियो से निजात पाना नामुनकिन है!
दिग्विजय एक टेप रेकॉर्डर है जो बो बोलता है,वो वो नहीं बोलता,उसके अन्दर लगी कैसेट बोलती है जो १० जनपथ देहली से डव की जाती है!
अमेरिका ने कहा है की वो सीमा पार करके आतंकवादियों को मारने की किसी भारतीय कार्यवाही का समर्थन नहीं करेगा!
बड़े दुःख की बात है पंडित जी खुद तो बैंगन खाए दूसरो को परहेज की नसीहत दे!
साथियों
हम क्या बोर्डर पार करेंगे?
हमने तो जब भी नहीं किया जब पाकिस्तानी कुत्ते हमारी सीमा में घुस कर हमरे पिछवाड़े पर गोली मार गए कारगिल में!
हमने तो तब भी नहीं किया जब मुंबई में आकर हमारी ही जमीन पर खड़े होकर हमारे ही मुह में मूत गए,अब क्या करेंगे!
भला हो आर्मी का जो हमे बचा लेती है,ये नेता तो हमारा फातिहा पढवाने में कोई कोर कसर अपनी तरफ से नहीं छोड़ते!
जय क्रांति जय हिंद
दिनेश पारीक
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