1.5.11

क्या आपको कुछ पता है खुशदीप जी के बारे में Anger


हालांकि ख़बर तो कुछ यूं बननी चाहिए थी कि खुशदीप जी ने छोड़ दी है हिंदी ब्लॉगिंग। लेकिन यह एक झूठी बात होती। आदमी आवेश में आकर ग़लत फ़ैसले ले ही लेता है और फिर जब उसे अहसास होता है कि वह गुस्से में आकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार बैठा है तो वह अपने फ़ैसले से पलट जाता है और कहता है कि उसने अमुक आदमी के समझाने पर या अमुक कारण से अपना विचार बदल दिया है। तब भी वह स्वीकार नहीं करता कि उसका फ़ैसला ग़लत था। जल्दी ही आप खुशदीप जी के बारे में भी ऐसा ही होता देखेंगे।
इस विषय में ज़्यादा जानकारी के लिए आप देख सकते हैं: 

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क्या इन टोटको से भर्ष्टाचार खत्म हो सकता है ? आप देखिए कि अन्ना कैसे-कैसे बयान दे रहे हैं? शरद पवार भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार पर बनी जीओएम (मंत्रिसमूह) में फला-फलां और फलां मंत्री हैं। इसलिए इस समिति का कोई भविष्य नहीं है। पवार को तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए। पवार का बचाव करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर पवार के मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने से भ्रष्टाचार