मेरी इस छोटी सी दुनिया में आप सब का स्वागत है.... अब अपने बारे में क्या बताऊँ... सिलसिला ज़ख्म ज़ख्म जारी है, ये ज़मी दूर तक हमारी है, मैं बहुत कम किसी से मिलता हूँ, जिससे यारी है उससे यारी है... वो आये हमारे घर में खुदा की कुदरत है, कभी हम उनको तो कभी अपने घर को देखते हैं...
9.5.11
राजभाषा विकास परिषद: अपराध की नई आभासी दुनिया और इससे जुड़े कानूनी उपाय...
राजभाषा विकास परिषद: अपराध की नई आभासी दुनिया और इससे जुड़े कानूनी उपाय...: "ई-, साइबर- और वर्चुअल शब्दों का प्रयोग, पहले से प्रचलन में आ रहे उत्पादों या सेवाओं या अवधारणाओं के कंप्यूटरीकरण या उन्हें कंप्यूटर से करने..."
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें