24.4.11

कौन होगा साईं ट्रस्ट की 55 हजार करोड़ की संपत्ति का वारिस?

पुट्टपर्थी आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में धर्मगुरु 85 वर्षीय श्री सत्य साईं बाबा 28 मार्च से नाजुक हालत में हैं। उनकी तेजी से बिगड़ती हालत के बाद करीब 55 हजार करोड़ की संपत्ति के उत्तराधिकारी को लेकर कयास तेज हो गए हैं। सत्य साईं बाबा के बाद 165 देशों में फैले उनके साम्राज्य के सभी फैसले 1972 में स्थापित श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट (एसएससीटी) के अधीन हो जाएंगे।

संपत्तिपुट्टपर्थी में : सत्य साईं विश्वविद्यालय, 220 बिस्तरों वाला श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेज, विश्व धर्म संग्रहालय चैतन्य ज्योति, तारामंडल, रेलवे स्टेशन, इनडोर और आउटडोर स्टेडियम, संगीत कॉलेज, प्रशासनिक भवन, हवाईअड्डा। अन्य स्थानों पर : बैंगलुरू में विशेष सुविधाओं वाला अस्पताल, कुछ अन्य अस्पताल (दो नेत्र अस्पताल भी शामिल), 165 देशों में 1,300 सत्य साईं बाबा केंद्र, 33 देशों में खोले गए स्कूल, डिजिटल रेडियो नेटवर्क। प्रशांति निलयम : पुट्टपर्थी में प्रशांति निलयम सत्य साईं बाबा का मुख्यालय है। गर्मियों में वे बैंगलुरू के बाहरी इलाके व्हाइट फील्ड में वृंदावन और कोडैकनाल में साईं श्रुति आश्रम में रहते हैं।

वारिसके. चक्रवर्ती : अनंतपुर के कलेक्टर रहे चक्रवर्ती ट्रस्ट के सचिव हैंएसवी गिरि : आंध्रप्रदेश आईएएस कैडर के इस अफसर ने सीवीसी पद से 1998 में इस्तीफा दिया। सत्य साईं यूनिवर्सिटी के कुलपति बने ये हैं ट्रस्ट के सदस्यइंदुलाल शाह : मुंबई के सीए पीएन भगवती : पूर्व सीजेआई नागानंद : प्रतिष्ठित वकील आरजे रत्नाकर : बाबा के भतीजे और ट्रस्ट में इकलौते रिश्तेदार जी. वेंकटरमन : ख्यात वैज्ञानिक, विदेश प्रभाग के उपाध्यक्ष माइकल गोल्डस्टेन : अंतरराष्ट्रीय सत्य साईं संगठन के अध्यक्ष जॉन हिस्लप : लेखक जी. श्रीनिवासन : बाबा के करीबी आइजेक टिगरेट बर्टन : सत्य साईं ट्रस्ट के बड़े दानदाता

विकल्पट्रस्ट के पास रहेंगे अधिकार चक्रवर्ती या गिरि में से किसी एक को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया जा सकता है। इससे हजारों करोड़ की संपत्ति का रखरखाव ट्रस्ट के पास ही रहेगा। सरकार करेगी अधिग्रहण आंध्र सरकार ने वित्त और स्वास्थ्य सचिवों को पुट्टपुर्थी भेजा था। तिरूपति की तर्ज पर राज्य सरकार हिंदू धर्म एवं परोपकारी निधि कानून के सहारे सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट का अधिग्रहण कर लेगी। संबंधियों को रखा दूर बाबा के भाई आरवी जानकीराम ट्रस्ट में थे, जिनका 2005 में निधन हो गया। उनके बेटे आरजे रत्नाकर राजू को पिछले साल ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया, लेकिन उनके पास फैसले लेने का हक नहीं है।

7 टिप्‍पणियां:

Kunwar Kusumesh ने कहा…

सत्य साईं का वारिस कौन?
सभी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Ye to aane waala samay hi bataayga ab ...

Shalini kaushik ने कहा…

sab kuchh bhavishay ke garbh me hai.chintniy post.

Pawan Kumar ने कहा…

Well written post...
Now i ll be regular on ur blog

Unknown ने कहा…

aap achchha likhte ho. padhkar behtar laga

thanx

Unknown ने कहा…

satya saai baba ko naman

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

sai baba hee jaane

क्या इन टोटको से भर्ष्टाचार खत्म हो सकता है ? आप देखिए कि अन्ना कैसे-कैसे बयान दे रहे हैं? शरद पवार भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार पर बनी जीओएम (मंत्रिसमूह) में फला-फलां और फलां मंत्री हैं। इसलिए इस समिति का कोई भविष्य नहीं है। पवार को तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए। पवार का बचाव करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर पवार के मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने से भ्रष्टाचार