24.4.11

कैसे सत्यनारायण से बन गए सत्य साईं बाबा


आज विश्व भर में लाखों लोग श्री सत्य साईं बाबा के देहांत पर आंसू बहा रहे है। बाबा के दुनियाभर में करोड़ों भक्त हैं। श्री सत्य साईं बाबा को शिरडी साईं बाबा का अवतार के रूप में भी जाना जाता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि साई बाबा विलक्षण प्रतिभा वाले एक साधारण बालक थे। इनका जन्म आन्ध्र प्रदेश के पुत्तपार्थी गांव में 23 नवंबर 1926 को हुआ था। वो बचपन से ही बड़े अक्लमंद और दयालु थे। वो संगीत, नृत्य, गाना, लिखना इन सबमें में काफी रुचि रखते थे। 


एक दिन अचानक 8 मार्च 1940 को जब वो कहीं जा रहे थे तो उनको एक बिच्छू ने डंक मार दिया। इसके कुछ दिनों बाद उनके व्यक्तित्व में खासा बदलाव देखने को मिला। वो अचानक संस्कृत में बोलना शुरू कर दिए जिसे वो जानते तक नहीं थे। 

पिता ने डॉक्‍टर को दिखाया लेकिन कोई भी इस चमत्‍कार को नहीं समझ सका। 23 मई 1940 को उनकी दिव्यता का लोगों को अहसास हुआ। सत्य साईं ने घर के सभी लोगों को बुलाया और चमत्कार दिखाने लगे। उनके पिता ने उनकी पिटाई की और पूछा कि तुम कौन हो सत्यनारायण ने कहा मैं साईं बाबा हूं।

उन्होंने अपने आप को शिरडी साईं बाबा का अवतार घोषित कर दिया। शिरडी साईं बाबा, सत्य साईं की पैदाइश से 8 साल पहले ही गुजर चुके थे। खुद को शिरडी साईं बाबा का अवतार घोषित करने के बाद सत्य साईं बाबा के पास श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी।

उन्होंने मद्रास और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों की यात्रा की। उनके भक्तों की तादाद बढ़ गई। उन्‍होंने कई बार देश और विदेश की यात्रा की। वे अपने संबोधन सभा में कहते कि मैं यहां आपके दिल में प्यार और सद्भाव का दीप जलाने आया हूं। मैं किसी धर्म के प्रचार के‍ लिए या भक्‍त बनाने नहीं आया हूं।



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क्या इन टोटको से भर्ष्टाचार खत्म हो सकता है ? आप देखिए कि अन्ना कैसे-कैसे बयान दे रहे हैं? शरद पवार भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार पर बनी जीओएम (मंत्रिसमूह) में फला-फलां और फलां मंत्री हैं। इसलिए इस समिति का कोई भविष्य नहीं है। पवार को तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए। पवार का बचाव करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर पवार के मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने से भ्रष्टाचार