16.10.11

कुछ सवाल : आप दीजिये जवाब (Some Questions for All Bloggers)


दिनाँक - 10 सितंबर 2011

ब्लॉग का नाम - हिन्दी ब्लौगर्स फोरम इंटरनेशनल 

विषय - हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड 

कड़ी - 33

उप विषय - साझा ब्लॉग कैसे बनाएँ ?

पोस्ट पाठक संख्या - 13 

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लेखक - महेश बारमाटे "माही"


जी हाँ !
मैं वही महेश बारमाटे हूँ, जिसे शायद आप लोग "माही" के नाम से जानते हैं, और हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड को अगर अनवर जमाल जी के नाम से जाना जाता है, तो कहीं न कहीं मेरा ज़िक्र भी आपके जेहन मे जरूर आता होगा, ऐसा मेरा मानना है। 
आज मैं हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड के प्रचार के सिलसिले में खुद को श्रेय दिलवाने के लिए नहीं वरन आप सबसे कुछ  सवाल पूछने आया हूँ।  (बल्कि मेरा विचार ऐसा कभी नहीं रहा कि हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड के लिए मुझे कोई श्रेय मिले, क्योंकि यह मेरी किताब नहीं है, यह हर ब्लॉगर की किताब है)

मैंने जब हिन्दी ब्लॉगिंग जगत में कदम रखा था तो आपकी ही तरह ब्लॉगिंग के नियमों, लेखन की सीमाओं और तकनीकी ज्ञान से अनभिज्ञ था। मुझे तो बस इतना पता था कि कुछ तो ऐसा किया जाये, जो इतिहास के पन्नों मे न सही पर किसी न किसी के तो दिल को कम से कम एक बार छू जाये। और इसी प्रयास में मैंने अपनी कविताओं से ब्लॉगिंग की शुरुआत की, समय गुजरता गया और काफी कुछ मैं सीखता चला गया। और तब सोचा कि जिस तरह मैं जब नया था तो मुझे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था तो इस देश में लाखों करोड़ों ऐसे लोग होंगे जो लिखना तो जानते हैं, और अपनी बात लोगों तक पहुंचाना भी चाहते हैं पर ब्लॉगिंग की जानकारी के अभाव में बस खुद तक या अपने दोस्तों तक ही सीमित रह जाते हैं। तो फिर क्यों न ऐसे लोगों को ब्लॉगिंग सिखायी जाये। और इस हेतु मैंने कुछ लेख लिखे जिससे डॉ० अनवर जमाल खान जी सहमत हुये और उन्होने मुझे हिन्दी ब्लॉगिंग के उस ऐतिहासिक कदम का न केवल हिस्सा बनाया बल्कि इस कदम का आगाज करने को भी मुझे ही कहा जिसे आज आप लोग हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड के नाम से जानते हैं। 
आज मैं अनवर जी का बहुत आभारी हूँ जो उन्होने मुझे इस मुकाम तक पहुँचने में मदद की जहाँ मैं अपनी सोच को साकार होता देख रहा हूँ। 
पर मैं जानना चाहता हूँ कि 

  • आखिर मेरी ऐसी क्या खता थी, क्या गलती थी जिसकी मुझे सजा मिली ?
  • आखिर क्या कोई नहीं चाहता कि नए ब्लॉगर अपना खुद का साझा ब्लॉग बना सकें? 
  • क्या मेरी पोस्ट में ऐसा कुछ मैंने लिखा था जो "Not For Bloggers" था ?
  • क्यों मेरी पोस्ट को 13 लोगों ने देख के भी अनदेखा कर दिया? 
  • क्या पूरे ब्लॉग जगत मे बस 13 ब्लॉगर ही हैं, जो हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड से संबन्धित लेख पढ़ना पसंद करते है ? 
  • और क्यों बाकी लोगों ने इसे देखना भी न चाहा ?
  • अगर ऐसा था तो आप लोग मेरी पोस्ट पे आए ही क्यों ? कम से कम दिल को तसल्ली तो होती कि जब किसी ने देखा ही नहीं, तो उस पे प्रतिक्रिया मिलना तो उस सोच से भी परे है जिसके पार एक कवि भी नहीं जा सकता। 

आज मैं आप सभी से अपने इन सवालों का जवाब चाहता हूँ कि मेरी पोस्ट को नकारा क्यों गया ?

मैं कोई ऐसा ब्लॉगर भी नहीं हूँ जिसे नकारा जा सके, अगर ऐसा होता तो मेरी कविताओं पे आपकी तालियों की गूंज दिखाई न देती, मेरे लेखों पे, मेरे नए प्रयासों पे आप लोगों की सहमति, आप लोगों की शाबासी भी न मिलती मुझको। 

आज मुझे आपका जवाब चाहिए ही चाहिए... 

क्या ? आप चाहते हैं कि मेरा वो लेख फिर से पढ़ के देखने के बाद ही आप मुझे जवाब देंगे ?
तो फिर ठीक है... 

ये लीजिये लिंक - 


फिर मत कहना कि मैंने लिंक भी नहीं दिया और बहुत कुछ बुरा - भला सुना दिया आप लोगों को... 

नोट - आप सभी से अनुरोध है कि आपके मन में आए जवाब हिन्दी ब्लॉगिंग की गरिमा का ध्यान रखते हुये ही मुझे दें, बेनामी जवाब दे के अपनी पहचान छुपाना एक गरिमामय ब्लॉगर के लक्षण नहीं हैं... 

धन्यवाद ! 


आपके जवाबों के इंतज़ार में... 

- महेश बारमाटे "माही"

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क्या इन टोटको से भर्ष्टाचार खत्म हो सकता है ? आप देखिए कि अन्ना कैसे-कैसे बयान दे रहे हैं? शरद पवार भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार पर बनी जीओएम (मंत्रिसमूह) में फला-फलां और फलां मंत्री हैं। इसलिए इस समिति का कोई भविष्य नहीं है। पवार को तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए। पवार का बचाव करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर पवार के मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने से भ्रष्टाचार