28.10.11

कृष्ण का मैनेजमेंट फंडा, परिवार और बिजनेस में कैसे लाएं संतुलन

कर्म - फैमिली लाइफ

इंसान के लिए सबसे मुश्किल काम क्या है? अपने कर्मक्षेत्र और परिवार के बीच तालमेल बनाना। यहां अच्छे-अच्छे लोग असफल होते देखे गए हैं। जो बिजनेस में कूदे वो परिवार भूल गए, जिन्होंने परिवार संभाला, वे धंधे में मात खा गए। धन की भूख ने हमारे प्रेम की भूख को कम कर दिया है। आज परिवार एक साथ बैठकर बातें करना, भोजन करना, ऐसे सारे काम लगभग भूल चुके हैं। परमाणु परिवारों का बढऩा भी इसी कारण है, क्योंकि व्यक्तिगत लाभ, उन्नति और आनंद की भावना हम सब में घर कर रही है।

संयुक्त परिवारों का विघटन भी इसी व्यवसायिक मानसिकता का परिणाम है। परिवार हमारी संपत्ति है। इस बात को समझना बहुत जरूरी है। खुद के लिए हासिल की गई अपार सफलता भी तब तक पूरा मजा नहीं देती जब तक कि उसे अपनों के साथ बांटा ना जाए।

परिवार को समय दीजिए। सप्ताह या महीने में एक दिन ऐसा निकालें जो सिर्फ परिवार के लिए हो। माता-पिता के साथ बैठें, उनसे चर्चा करें, पति-पत्नी अपने लिए समय निकालें, बच्चों को समय दें। साथ में भोजन करें। कहीं घूमने जाएं। किसी धार्मिक स्थान की यात्रा करें। ये काम आपमें एक अद्भुत ऊर्जा भर देगा।

राम और कृष्ण ने भी अपने पारिवारिक जीवन को दिव्य बनाए रखा। कृष्ण के जीवन में चलते हैं। माता-पिता, भाई-भाभी, 16108 पत्नियां और हर पत्नी से 10-10 बच्चे। कितना बढ़ा कुनबा, कैसा भव्य परिवार। फिर भी सभी कृष्ण से प्रसन्न, किसी को कोई शिकायत नहीं। सभी को बराबर समय दिया। कोई आम आदमी होता तो या तो छोड़कर भाग जाता, या फिर परिवार में ही खप जाता। कृष्ण थे तो संभाल लिया। दुनियाभर के काम किए लेकिन कभी परिवार की अनदेखी नहीं की। जीवन में कुछ नियम थे, जैसे सुबह उठकर माता-पिता से आशीर्वाद, पत्नियों से चर्चा, बच्चों की शिक्षा आदि की व्यवस्था देखना। सबसे हमेशा संवाद बनाए रखना। हमें भी कृष्ण के इस पक्ष से कुछ सिखना चाहिए। परिवार के लिए समय निकालें। दिनचर्या को कुछ ऐसे सेट करें कि परिवार को कोई सदस्य उससे अनछुआ ना रहे।


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क्या इन टोटको से भर्ष्टाचार खत्म हो सकता है ? आप देखिए कि अन्ना कैसे-कैसे बयान दे रहे हैं? शरद पवार भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार पर बनी जीओएम (मंत्रिसमूह) में फला-फलां और फलां मंत्री हैं। इसलिए इस समिति का कोई भविष्य नहीं है। पवार को तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए। पवार का बचाव करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर पवार के मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने से भ्रष्टाचार