18.9.11

महाभारत की गांधारी बन चुकी है UP सरकार




आज सुबह उठा तो चाय के साथ मेरे भंडारी जो मेरा खाना बनता है उसने हिंदुस्तान लाइव अख़बार दे दिया पहले नज़र उन जगहों मुख्य खबर पे पड़ी जिस को पहले भी अपनी आखो से भुगत चूका हु और उस कहानी को याद नहीं करना चाहता पर आज वो कहानी बार बस याद आ ही गई इसी वजह से मैं उस कहानी को बाया करता हु क्या पता मेरा दर्द कुछ कम पड़े



आज न्यू पेपर की हड लाइन है की ( विदेशियों को रिझाने में फीकी पड़ी ताज की चमक )
जहा तक ये बात सही है वो तो समझ में आती है पर UP सरकार इन बातो पे ध्यान भी तो नहीं देती है उनकी आँखों पे पट्टी पड़ी है ये तो महाभारत की गांधारी बन चुकी है करोडो रूपये देके हर न्यूज़ चैनल पे UP सरकार के बारे में बखान किया जाता है वो भी ३० मिनट तक का टीवी जगत का सब से बड़ा TV Add उन पे अखबार वालो की नजर नहीं गई है गई है तो वो कुछ कह नहीं सकते पर आज तो बात ताज महल की हो रही है में तो असे ही राजनीती नहीं समझा ता हु और न ही समझाना चाहता हु
बात २१-२२ /८/२०११ की है मेरे दोस्त अमित जी अगरवाल ने में फ़ोन किया और कहा की मथुरा चलते है कृष्ण जन्मास्टमी भी है २२ तारीख को तो पहले आगरा चलते है फिर २२ तारीख को वृन्दावन आजायेंगे मेने कहा ठीक है हम दोनों २१ तारीख को सुबह सुबह ६ बजे वाली बस से आगरा चले गए ११: बजे ११:३० बजे हम दोनों आगरा पहुंचे फिर होटल में रूम लिया और कुछ आराम करने के बाद दोनों आगरा की सेर पे निकल गए जिस आगरा के बारे में सोचता था अखबारों में और किताबो में जिस ताज महल को देखता था आज उस ताज महल को देखने पंहुचा था मन बाद खुश और पर्फुलित था

पहले तो दोनों पतेह्पुर सीकरी गए वह का नज़ारा देखने के बाद तो हम दोनों दोस्त आगरा फोर्ट और फिर आगरा का वो ताज महल देखने गए जिस के बार में सोच सोच के मस्तिषक भी कुछ नहीं सोच पा रहा था
पर ये क्या वह तो इतनी लम्बी लाइन लगी थी की शायद कल तक ticket नहीं मिलती में तो वही पे बैठ गया और पानी पि रहा था बस में सोच ही रहा था की ताज महल को तो कल सुबह सुबह देखने आना पड़ेगा पर कल वृन्दावन भी निकलना था इसी वजह से मैं बता सोच ही रहा था की मेरे दोस्त ने टिकेट लेके आज्ञा और कहा की चल अपना जुगाड़ हो गया मेने कहा केसे पर उसने कोई जवाब नहीं दिया था मुझे कुछ शक हो रहा था पर लाइन को देखा कर में चुप रह गया में अमित के पीछे पीछे चलने लगा आगरा के मैं द्वारा से दाहिने साईट चल ने लगे फिर हमारे पीछे पीछे कुछ विदेशी सेलानी भी चल रहे थे हम सब लोग कुल मिलके १२-१३ लोग थे जिस आदमी के पीछे हम सब लोग चल रहे थे वो कभी इस गली में जाता कभी उस गली में जाता १ आदमी उन गलियों से सिदा होके नहीं निकला सकता पर कभी समय के बाद सब लोगो को वो आगरा के पिछले दरवाजे के सामने लाकर रुका और मेरे दोस्त ने उस के हाथ में १ सो का नोट रख दिया और सब विदेसी सेलानियो से ३०० -३०० रूपये ले रहा था और वो सब लोग बड़े आराम से दे रहे थे और साथ में धन्यवाद भी कह रहे थे ये देख के तो मुझे पता नहीं क्या हो गया में उस बन्दे से लड़ाई करने पे उतारू हो गया वही पे ताज महल के दरवाजे पे पुलिश भी खडी थी पर उन पुलिश वालो ने तो कुछ कहा ही नहीं मेने पता नहीं क्या क्या कहा और उन दिनों तो अन्ना अजरे का अनसन भी चल रहा था उस अनसन में आगरा का भी मह्तवपूर्ण योगदान रहा था
बस इस से ही नहीं हुवा जो ticket वहा पे दी जाती है वो ticket बहार आते वक़त वापिस लेली जाती है फिर उनका वो लोग क्या करते है वो मुझे बताने की जरुरत भी नहीं है


मुझे आज बड़ा दुःख हो रहा है की जो UP सरकार टीवी पे ADD दिखाती है की सरकार ने Up राज्य का कितना विकाश किया है ये तो मुझे आगरा पहुचते ही पता चल गया था उन का नज़ारा मैं आप को १ बस का फोटो दिखा के करवाना चाहता हु
दिनेश पारीक


क्या इन टोटको से भर्ष्टाचार खत्म हो सकता है ? आप देखिए कि अन्ना कैसे-कैसे बयान दे रहे हैं? शरद पवार भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार पर बनी जीओएम (मंत्रिसमूह) में फला-फलां और फलां मंत्री हैं। इसलिए इस समिति का कोई भविष्य नहीं है। पवार को तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए। पवार का बचाव करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर पवार के मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने से भ्रष्टाचार