राजस्थान के इतिहास की समय रेखा है।
५००० ई. पू.: कालीवंग सभ्यता
३५०० ई. पू.;आहड़ सभ्यता
१००० ई.पू.-६०० ई. पू. आर्य सभ्यता
३०० ई. पू.-६०० ई.जनपद युग
३५० - ६०० गुप्त वंश का हस्तक्षेप
६वीं शताब्दी व ७वीं शताब्दी हूणों के आक्रमण, हूणों व गुर्जरों द्वारा राज्यों की स्थापना - हर्षवर्धन का हस्तक्षेप
७२८ बाप्पा रावल द्वारा चितौड़ में मेवाड़ राज्य की स्थापना
९६७ कछवाहा वंश घोलाराय द्वारा आमेर राज्य की स्थापना
१०१८ महमूद गजनवी द्वारा प्रतिहार राज्य पर आक्रमण तथा विजय
१०३१ दिलवाड़ा में विंमल शाह द्वारा आदिनाथ मंदिर का निर्माण
१११३ अजयराज द्वारा अजमेर (अजयमेरु) की स्थापना
११३७ कछवाहा वंश के दुलहराय द्वारा ढूँढ़ार राज्य की स्थापना
११५६ महारावल जैसलसिंह द्वारा जैसलमेर की स्थापना
११९१ मुहम्मद गोरी व पृथ्वीराज चौहान के मध्य तराइन का प्रथम युद्ध - मुहम्मद गोरी की पराजय
११९२ मुहम्मद गोरी व पृथ्वीराज चौहान के मध्य तराइन का द्वितीय युद्ध -- पृथ्वीराज की पराजय
११९५ मुहम्मद गौरी द्वारा बयाना पर आक्रमण
१२१३ मेवाड़ के सिंहासन पर जैत्रसिहं का बैठना
१२३० दिलवाड़ में तेजपाल व वस्तुपाल द्वारा नेमिनाथ मंदिर का निर्माण
१२३४ रावल जैत्रसिंह द्वारा इल्तुतमिश पर विजय
१२३७ रावल जैत्रसिंह द्वारा सुल्तान बलवन पर विजय
१२४२ बूँदी राज्य की हाड़ा राज देशराज द्वारा स्थापना
१२९० हम्मीर द्वारा जलालुद्दीन का आक्रमण विफल करना
१३०१ हम्मीर द्वारा अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण को विफल करना, षड़यन्त्र द्वारा पराजित रणथम्मौर के किले पर ११ जुलाई को तुर्की का आधिकार स्थापित
१३०२ रत्नसिंह गुहिलों के सिहासन पर आरुढ़
१३०३ अलाउद्दीन खिलजी द्वारा राणा रत्नसिंह पराजित, पद्मिनी का जौहर, चितौड़ पर खिलजी का अधिकार, चितौड़ का नाम बदलकर खिज्राबाद
१३०८ कान्हडदेव चौहान खिलजी से पराजित, जालौर का खिलजी पर अधिकार
१३२६ राणा हमीर द्वारा चितौड़ पर पुन: अधिकार
१४३३ कुम्भा मेवाड़ के सिंहासन पर आरुढ़
१४४० महाराणा कुम्भा द्वारा चितौड़ में विजय स्तम्भ का निर्माण
१४५६ महाराणा कुम्मा द्वारा मालवा के शासन महमूद खिलजी को परास्त करना, कुम्भा का शम्स खाँ को हराकर नागौर पर कब्जा
१४५७ गुजरात व मालवा का मेवाड़ के विरुद्ध संयुक्त अभियान करना
१४५९ राव जोधा द्वारा जोधपुर की स्थापना
१४६५ राव बीका द्वारा बीकानेर राज्य की स्थापना
१४८८ बीकानेर नगर का निर्माण पूर्ण
१५०९ राणा संग्रामसिंह मेवाड़ के शासक बने
१५१८ महाराणा जगमल सिंह द्वारा बाँसवाड़ राज्य की स्थापना
१५२७ राणा संग्राम सिंह का बयाना पर अधिकार तथा बाबर के हाथों पराजय
१५२८ राणा सांगा का निधन
१५३२ राजा मालदेव द्वारा अपने पिता राव गंगा की हत्या पर मारवाड़ की सत्ता पर कब्जा
१५३८ मालदेव का सिवाना व जालौर पर अधिपत्य
१५४१ राजा मालदेव द्वारा हुमायू को निमंत्रण देना
१५४२ राजा मालदेव का बीकानेर नरेश जैत्रसिंह को परास्त करना, जैत्रसिंह की मृत्यु, हुमायूँ का मारवाड़ सीमा मे प्रवेश
१५४४ राजा मालदेव व शेरशह के मध्य जैतारण (सामेल) का युद्ध, मालदेव की पराजय
१५४७ भारमल आमेर का शासक बना
१५५९ राजा उदयसिंह द्वारा उदयपुर नगर की स्थापना
१५६२ राजा मालदेव का निधन, मालदेव का तृतीय पुत्र राव चन्द्रसेन मारवाड़ के सिंहासन पर आरुढ
१५६२ आमेर के राजा भारमल ने अपनी पुत्री का विवाह सांभर से सम्पन्न कराया
१५६४ राव चन्द्रसेन की पराजय, जोधपुर मुगलों के अधीन
१५६९ रणथम्भौर नरेश सुर्जन हाडा की राजा मानसिंह से सन्धि, हाड़ पराजित
१५७२ राणा उदयसिंह की मृत्यु, महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक
१५७२ अकबर द्वारा रामसिंह को जोधपुर का शासक नियुक्त
१५७३ राजा मानसिंह की महाराणा प्रताप से मुलाकात
१५७४ बीकानेर नरेश कल्याणमल का निधन, रायसिंह का सिंहासनरुढ़ होना।
१५७६ हल्दीघाटी का युद्ध, महाराणा प्रताप की सेना मुगल सेना से पराजित
१५७८ मुगल सेना द्वारा कुम्भलगढ़ पर अधिकार, प्रताप का छप्पन की पहाड़ियों में प्रवेश। चावड़ को राजधानी बनाना
१५८० अकबर के दरबार के नवरत्नों में एक अब्दुल रहीम खानखाना को अकबर द्वारा राजस्थान का सूबेदार नियुक्त करना।
१५८९ आमेर के राजा भारमल की मृत्यु, मानसिंह को सिंहासन मिला
१५९६ राजा किशन सिंह द्वारा किशनगढ़ (अजमेर) की नीवं
१५९७ महाराणा प्रताप की चांवड में मृत्यु
१६०५ सम्राट अकबर ने राजा मानसिंह को ७००० मनसव प्रदान किये।
१६१४ राजा मानसिंह की दक्षिण भारत में मृत्यु
१६१५ राणा अमरसिंह द्वारा मुगलों से सन्धि
१६२१ राजा मिर्जा जयसिंह आमेर का शासक नियुक्त
१६२५ माधोसिंह द्वारा कोटा राज्य की स्थापना
१६६० राजा राजसिंह द्वारा राजसमन्द का निर्माण प्रारम्भ
१६६७ जयसिंह की दक्षिण भारत में मृत्यु
१६९१ राजा राजसिंह द्वारा नाथद्वारा मंदिर का निर्माण
१७२७ सवाई जयसिंह द्वारा जयपुर नगर का स्थापना
१७३३ जयपुर नरेश सवाई जयसिंह का मराठों से पराजित होना
१७७१ कछवाहा वंश के राव प्रतापसिंह ने अलवा राज्य की नींव डाली
१८१८ झाला वंशजों द्वारा झालावाड़ राज्य की स्थापना
१८१८ मेवाड़ के राजपूतों द्वारा ईस्ट इंडिया कम्पनी से संधि
१८३८ माधव सिंह द्वारा झालावाड़ की स्थापना
२८ मई को नसीरा बाद में सैनिक विद्रोह
राजकीय महाविद्यालय, अजमेर के छात्रों द्वारा कांग्रेस कमिटी का गठन
लार्ड कर्जन ने एडवर्ड - सप्तम के राज्यारोहण समारोह में उदयपुर के महाराणा फतेहसिंह को आमंत्रण और महाराणा द्वारा दिल्ली प्रस्थान
बिजोलिया किसान आन्दोलन
भील आन्दोलन प्रारम्भ
मेवाड़, अलवर, भरतपुर, प्रजामंडल गठित, सुभाषचन्द्र बोस की जोधपुर यात्रा
३१ दिसम्बर को अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद के अन्तर्गत राजपूताना प्रान्तीय सभा का गठन
२७ जून को रियासती विभाग की स्थापना
शाहपुरा में गोकुल लाल असावा के नेतृत्व में लोकप्रिय सरकार बनी जो १९४८ में संयुक्त राजस्थान संघ में विलीन हो गई