आप सभी मित्रों के लिए पेश है नए साल(2012) का मेरा पहला पोस्ट
जिसमें तो दो अलग-अलग लाइने हैं पर दोनों कविता का अर्थ और दर्द एक ही है,
(१)
मुझे उदास देख कर उसने कहा ;
मेरे होते हुए तुम्हें कोई
दुःख नहीं दे सकता,
"फिर ऐसा ही हुआ"
ज़िन्दगी में जितने भी दुःख मिले,
सब उसी ने दिए.....
(२)
वो अक्सर हमसे एक वादा करते हैं कि;
"आपको तो हम अपना बना कर
ही छोड़ेंगे"
और फिर एक दिन उन्होंने अपना
वादा पूरा कर दिया,
"हमें अपना बनाकर छोड़ दिया..."
नीलकमल वैष्णव"अनिश"
2 टिप्पणियां:
बहुत खूब ... दोनों ही लाजवाब ... दर्द बयान करने का लाजवाब अंदाज़ ...
dil ko chune vali rachna...bahut khoob
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