7.1.12

कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: एक छलावा-सा

कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: एक छलावा-सा: एक छलावा-सा 4 जुलाई 1942 को जन्मे कन्हैयालाल भाटी की अनुवादक के रूप में विशेष ख्याति रही है, मगर उनकी कहानियां भी कथ्य व शिल्प की दृष्टि से...

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क्या इन टोटको से भर्ष्टाचार खत्म हो सकता है ? आप देखिए कि अन्ना कैसे-कैसे बयान दे रहे हैं? शरद पवार भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार पर बनी जीओएम (मंत्रिसमूह) में फला-फलां और फलां मंत्री हैं। इसलिए इस समिति का कोई भविष्य नहीं है। पवार को तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए। पवार का बचाव करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर पवार के मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने से भ्रष्टाचार