13.7.11

दुख-दर्द और समस्याओं से मुक्ति के लिए दिल से प्रार्थना

दरहक़ीक़त इंसान ख़ुदा का बंदा है लेकिन वह अपने रब का हुक्म न मानकर अपने मन के मुताबिक़ जी रहा है और जीवन में हर मोड़ पर ठोकरें खा रहा है। उसे दुख से मुक्ति देने के लिए उसका मालिक उसे बार बार अपनी ओर पलटकर आने के लिए पुकारता है। ‘रब की ओर पलटने‘ को ही अरबी भाषा में ‘तौबा‘ कहते हैं। जो भी आदमी अपने रब की तरफ़ पलटकर उससे कुछ मांगता है तो वह दुआ उसका रब ज़रूर पूरी करता है। शबे बरात की रात भी उन ख़ास अवसरों में से एक है जब मालिक अपने बंदों पर ख़ास रहमत करता है, उनकी दुआएं पूरी करता है और उन्हें दुख-दर्द और समस्याओं से मुक्ति देता है। किसी भी मत का आदमी हो, यदि वह अपने हालात से परेशान है तो वह इस ख़ास अवसर पर अपने मालिक की तरफ़ पलटे और दिल से प्रार्थना करे, उसे तुरंत ही लाभ होगा।
इस अवसर पर ‘अन्जुम नईम‘ साहब का एक लेख भी पेश ए खि़दमत है  :

रहमतों के महीने रमजान से पहले मगफेरत का महीना शाबान आता है, जिसे रसूल अकरम ने गुनाहों को मिटाने वाला महीना करार दिया है। इस शाबान के महीने में एक रात ऐसी भी आती है, जिसमें अल्लाह अपने गुनहगार बन्दों की दुआओं को सुनता है और उन लोगों को जहन्नुम से निजात देता है। उस रात अल्लाह की रहमत जोश में होती है और वह पुकार-पुकार कर मगफेरत की चाहत रखने वालों को अपने हुजूर में तौबा करने की इजाजत देता है। और फिर उनकी दुआएं कुबूल करता है। फजीलत और बरकत वाली यह रात शबे बरात मुस्लिम कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की चौदहवीं रात (तारीख) को मगरिब के वक्त शुरू होकर सुबह सूरज निकले तक जारी रहती है।

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क्या इन टोटको से भर्ष्टाचार खत्म हो सकता है ? आप देखिए कि अन्ना कैसे-कैसे बयान दे रहे हैं? शरद पवार भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार पर बनी जीओएम (मंत्रिसमूह) में फला-फलां और फलां मंत्री हैं। इसलिए इस समिति का कोई भविष्य नहीं है। पवार को तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए। पवार का बचाव करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर पवार के मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने से भ्रष्टाचार